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पित्र मोक्ष अमावस्या 2020 - Pitra Moksh Amavsya 2020

पित्र मोक्ष अमावस्या 
हिंदू धर्म में पितरों की तृप्ति के लिए सर्वपितृ अमावस्या को बहुत खास माना जाता है इस दिन ज्ञात अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है।इस बार सर्वपितृ अमावस्या 17 सितंबर गुरुवार को है। इस अमावस्या को आश्विन अमावस्या, बड़मावस,दर्श अमावस्या आदि भी कहा जाता है यह अमावस्या आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को आती है ,पितरों के निमित्त अमावस्या तिथि में श्राद्ध व दान का विशेष महत्व है सूर्य की सहस्त्र किरणों में से "अमा" नामक किरण बहुत प्रमुख होती है। जिस किरण के तेज से सूर्य समस्त लोगों को प्रकाशित करता है, चंद्र का ठहराव होता है, इसी कारण से धार्मिक कार्यों में अमावस्या को महत्व दिया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या सबसे बड़ी अमावस्या मानी जाती है। 

कुंडली में पित्र दोष शांति हेतु 

जिस भी जातक की कुंडली में पित्र दोष होता है उसे जीवन में कई कठिनाइयों( मानसिक अशांति, आर्थिक ,सामाजिक) का सामना करना पड़ता है, उसे कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती है।अतः पित्र दोष से पीड़ित जातकों के लिए सर्वपितृ अमावस्या का दिन अति महत्वपूर्ण होता है, इस दिन जातक को पितरों के निमित्त दान ध्यान, आवाहन  करना चाहिए पित्र गण अमावस्या के दिन वायु रूप में सूर्यास्त तक घर के द्वार पर उपस्थित रहते हैं, और अपने स्वजनों से तर्पण की अभिलाषा करते हैं।पित्र पूजा करने से मनुष्य आयु, पुत्र, यश,कीर्ति,पुष्टि बल सुख, धन प्राप्त करते हैं। 
१- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पूर्वजों की फोटो पर माला चढ़ाएं धूप दीप व भोग अर्पित करें। २-जरूरतमंदों अथवा ब्राह्मण को भोजन कराएं,यथासंभव दक्षिणा देवे। 
३- इस दिन पवित्र पीपल और बरगद के पेड़ लगाएं। 
४- इस दिन गरीबों को वस्त्र दान करें 
५-पीपल देवता को दीप दान करें।
६- गाय को हरी घास  खिलाएं।

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